जीआई टैग क्या है ?
जीआई मुख्य रूप से कृषि, प्राकृतिक या एक निर्मित उत्पाद (हस्तशिल्प और औद्योगिक सामान) है, जो एक निश्चित भौगोलिक क्षेत्र में उत्पन्न होता है।किसी वस्तु या उत्पाद की किसी विशिष्ट भौगोलिक क्षेत्र में हुई उत्पत्ति तथा उससे जुड़े गुणों को सूचित करने हेतु जी आई टैग दिया जाता है।
GI = Geographical Indication. = भौगोलिक संकेतक
यह उसी उत्पाद को दिया जाता है जो विशिष्ट भौगोलिक क्षेत्र में 10 वर्ष या अधिक समय से निर्मित या उत्पादित किया जा रहा हो।
जीआई टैग को औद्योगिक संपत्ति के संरक्षण के लिए पेरिस समझौते के तहत बौद्धिक संपदा अधिकार के तत्व के रूप में शामिल किया गया है।
जीआई टैग मिलने के बाद कोई भी अन्य निर्माता समान उत्पादों को बाजार में लाने के लिए नाम का दुरुपयोग नहीं कर सकता है।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जीआई टैग को डब्ल्यूटीओ के व्यापार संबंधित बौद्धिक संपदा अधिकारों के ट्रिप्स समझौते के तहत नियंत्रित किया जाता है।
TRIPS - Trade Related Intellectual Property Rights.
भारत में जीआई को वस्तुओं के भौगोलिक संकेत (पंजीकरण और सुरक्षा) अधिनियम 1999 के द्वारा नियंत्रित किया जाता है।
यह अधिनियम 2003 में लागू हुआ।
पहला जीआई टैग 2004 में दार्जिलिंग चाय को दिया गया।
राजस्थान में जीआई टैग
राजस्थान के कुल 17 उत्पादों को 21 जीआई टैग मिल चुके हैं।
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बगरू प्रिंट
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बीकानेरी भुजिया
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ब्लू पॉटरी
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ब्लू पॉटरी (लोगो)
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कठपुतली (लोगो)
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कोटा डोरिया
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कोटा डोरिया (लोगो)
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मकराना संगमरमर
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मोलेला मिट्टी कार्य
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मोलेला, नाथद्वारा (राजसमंद)
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मोलेला मिट्टी कार्य (लोगो)
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मोलेला, नाथद्वारा (राजसमंद)
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फुलकारी
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राजस्थान, पंजाब, हरियाणा
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सांगानेरी प्रिंट
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जयपुर
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थेवा कला
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प्रतापगढ़
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पोकरण पॉटरी (2018 में मिला)
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पोकरण (जैसलमेर)
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16. सोजत मेहंदी:- पाली (सितंबर 2021)
• अगस्त 2023 में राजस्थान की 5 कलाओं को जीआई टैग मिला है।
17. पिछवाई कला:- नाथद्वारा (अगस्त 2023)
18. जोधपुरी बंधेज:- जोधपुर (अगस्त 2023)
19. कोफ्तगिरी:- उदयपुर (अगस्त 2023)
20. उस्ता कला:- बीकानेर (अगस्त 2023)
21. कशीदाकारी क्राफ्ट:- बीकानेर (अगस्त 2023)
एक वस्तु को एक से अधिक भौगोलिक क्षेत्रों के लिए भी जीआई टैग दिया जा सकता है।
जैसे - फुलकारी को राजस्थान के अलावा पंजाब और हरियाणा को भी जीआई टैग दिया गया है।
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